तुम मैला ढोते हो,
वो पाप ढोते हैं.
न तुम उतारते हो,
न वो उतारते हैं.
हां,
शायद तुम इंतज़ार करते हो.
मगर वो इंतज़ार नहीं करते.
अब तुम्हे ही पहल करनी होगी,
मैला सिर से उतार फेंकना होगा.
हां तुम्हे ही,
उनका उद्धार करना होगा.
समाज को साकार करना होगा.
(अभय श्रीवास्तव)
वो पाप ढोते हैं.
न तुम उतारते हो,
न वो उतारते हैं.
हां,
शायद तुम इंतज़ार करते हो.
मगर वो इंतज़ार नहीं करते.
अब तुम्हे ही पहल करनी होगी,
मैला सिर से उतार फेंकना होगा.
हां तुम्हे ही,
उनका उद्धार करना होगा.
समाज को साकार करना होगा.
(अभय श्रीवास्तव)
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