पगली है !
दीनानाथ की कुतिया.
पूंछ उठाती है,
पु-पु-आती है,
पैर चाटती है.
ख़ुद तो दीनानाथ -
आधा पेट खाता है,
कुतिया को क्या खिलाता है?
वफ़ादारी -
क्या इतनी पक्की चीज़ होती है?
ये क्या -
रोटी का टुकड़ा फेंकने से,
हासिल होती है?
या फिर -
प्रेम इतना भूखा होता है?
(अभय श्रीवास्तव)
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