कैमरे की क्लिक
दर्ज कर गई
कि
गाल का गोलौटा भरा हुआ था
दांत चमकते दिख रहे थे
आंख अधखुली ठिठोली कर रही थी
यूं समझो
चेहरे पर कई भाव नृत्य कर रहे थे
मानो खुशी पूरी थी.
मगर
कैमरे की क्लिक
बेजान थी.
ह्रदय की पीड़ा
तस्वीर में नहीं थी.
इन दिनों
मुझसे मिलने वाले बहुतेरे
कैमरे की क्लिक सा चमकते हैं.
(अभय श्रीवास्तव)
5 टिप्पणियां:
ह्रदय की पीड़ा
तस्वीर में नहीं थी-----
वाह क्या गहन अनुभूति है
सुंदर रचना
उत्कृष्ट प्रस्तुति
मेरा नया गीत पढ़ें
बहुत अच्छी रचना ...कैमरे की क्लिक बेजान थी.
बहुत अच्छी रचना ...कैमरे की क्लिक बेजान थी.
बहुत ही सुन्दर रचना! मेरी बधाई स्वीकारें।
वाह अभय जी क्या उपमा की है! आपकी कलपनाशक्ति प्रशंसनीय है।
सादर
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