काले बच्चों ने देखे,
कुछ रंगीन सपने.
दिमाग़ खराब था उनका,
अंधे हो गए,
सब के सब.
और...
बच्चे बच्चों को बेचें बलून,
लाल हरे पीले नीले.
काले चेहरों के रंग उड़े,
लाल हरे पीले नीले.
और...
तितलियां रंगीन,
पुतलियां काली.
धूप रंगीन,
हथेलियां काली.
मानो
तितलियां पकड़ना बच्चों का खेल हो.
और...
अब रंगीन स्याही भी आती है.
कुछ बच्चे लिखते हैं,
सफ़ेद पन्नों पर.
काले बच्चे,
अभी भी,
काली स्याही से लिखते हैं,
अगर कभी लिखते हैं तो.
और...
धूप और बरसात में
पैदा नहीं होते सभी बच्चे.
मैले और काले
नहीं होते सभी बच्चे.
मगर काले बच्चे भी,
खुशमिज़ाज और रंगीन
भला कैसे होते हैं?
(अभय श्रीवास्तव)
1 टिप्पणी:
मगर काले बच्चे भी,
खुशमिज़ाज और रंगीन
भला कैसे होते हैं?
बहुत सुन्दर!
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